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आज यह देखके दुःख होता है की आज भी हमारे देश मे जातिवाद का बोलबाला है,आज सब इतना आगे बढ गए है पर हम वही के वही है,हमे भी अब बदलने की ज़रूरत है,अब कोई छोटा बड़ा नहीं है सब एक सामान है,पर हम खुद ही यह भूल जाते है की हम २०१६ मे है ,हम युवावो मे तो इस बात का ख्याल भी नहीं आता की कौन नीची जात का है और कौन ऊँची जात का,कौन मुस्लिम है और कौन क्रिस्चियन,और कौन सिख है,हम यह बात कभी नहीं सोचते और न हमारे दिमाग मे इस बात का ख्याल आता है ,हम कभी किसी से पूछ के दोस्ती नहीं करते की तुम किस धर्म के हो हम तो बस दोस्त बनाने मे विश्वास रखते है,
पर हमारे कुछ नेता इसमें विश्वास नहीं रखते ,वो तो बस अपनी लाभ की राजनीती करते है ,उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता की इस गन्दी राजनीती से कितनी क्षति होती है आम जनता की,कितने लोग मरते है,कितने लोगो के घर उजड़ जाते है,शायद पूरा कसूर उनका नहीं है,हमारी भी कुछ गलतिया है,हम आम जनता उनकी बातो मे आ जाते है बिना सोचे समझे की वो यह सब अपने फायदे के लिए कर रहे है, , हम आसानी से धर्म के नाम पर उन्हें वोट देते है,बिना ये सोचे की वो हमारी और हमारे क्षेत्र की उन्नति करेगा की नहीं,इससे उनकी हिम्मत और बढ़ जाती है ,आज राजनीती के मायने ही बदल दिए गए है,पहले राजनीती की जाती थी जनता की सेवा के लिए,आज की जाती है गरीबो को दबाने के लिए,उनका सोशण करने का लिए,सत्ता हासिल करने के लिए चाहे उसके लिए कितने भी लोग मर जाये, बस उनका अपना उद्देश्य पूरा होना चाहिए,और हम भी उनका इसमें पूरा साथ देते है, आज गरीबो की तभी याद आती है जब उनका वोट चाहिए होता है, और तब तक उनके साथ कुछ भी हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता,अपने प्रदेश के गरीबो और पिछड़े जाति के लोगो का ख्याल नहीं आता ,पर वोट का लालच उन्हें दूर दूर के प्रदेशो तक ले जाता है ,यह है आज की राजनीती
आज हमारे देश को बदलाव की ज़रूरत है,अगर हम लड़े तो देश के दुश्मनो से, न की अपने ही भाइयो से,धर्म के नाम पे हमे लड़ना बंद करना होगा, हमें एकजुट हो जाना चाहिए , और देश की उन्नति के बारे मे सोचना चाहिए, जब हमारा देश आगे बढ़ेगा तो हम आगे बढ़ेंगे, और मैं विनती करता हू कृपया करके एक दूसरे से लड़ना बंद करे, और हमारे और देश के विकास के बारे में सोचिए,हमारी आपसी दुश्मनी का फायदा दूसरे उठाते है,लेकिन जब हमारा देश ही नहीं रहेगा तो कहा राज करोगे, अगर लड़ना है लड़ो पर देश की उन्नति और विकास के लिये
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